कॉमिक्स की तलाश – "पुराना टाइम, जब सुपरहीरो हमारे दोस्त होते थे" आज यूं ही मोबाइल स्क्रॉल करते-करते मन किया की देखूं, शायद अमेज़न पे पुरानी वाली कॉमिक्स मिल जाए। बचपन में जो पढ़ते थे — नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, डोगा, ताऊजी, बिल्लू, पिंकी... वैसी। लेकिन खोज के जो मिला, वो तो जैसे मेले में खोया बच्चा मिल गया हो 😐 ढेर सारी नई-नई “ग्राफिक नॉवेल्स”, कवर पर चमचमाते 3D सुपरहीरो, अंग्रेजी टाइटल — "The Legend of Something Something", कीमत 300-400 से शुरू 😐 और वहीं किसी कोने में दबी, एक पीडीएफ में छुपी पड़ी थी — पुरानी राज कॉमिक्स। वही नागराज, हरे रंग की टाइट, साँपों से भरा बदन और आँखों में जलता गुस्सा 🔥 ~ तब दो ही पब्लिकेशन थे ज़्यादा फेमस — राज कॉमिक्स और डायमंड कॉमिक्स। डायमंड में बिल्लू–पिंकी का हँसी मज़ाक और राज में असली ऐक्शन। स्टेशन के बुक स्टॉल या चौक वाली दुकान से 10-12 रुपये में कॉमिक्स मिलती थी। ऊपर से प्लास्टिक कवर, नीचे कोने पे रेट लिखा होता था। ~ गर्मी की छुट्टियाँ मतलब चटाई पे लेटे-लेटे कॉमिक्स का अड्डा। स्कूल बैग में किताबों के नीचे छिपाकर कॉमि...
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